चुनाव आयोग ने सोमवार को छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण में 7 नवंबर और दूसरे चरण में दिवाली के 5 दिन बाद 17 नवंबर को मतदान होगा. दोनों चरण के नतीजे एक साथ 3 दिसंबर को आएंगे. ऐसे में आज से 55 दिन बाद प्रदेश में नई सरकार की तस्वीर साफ हो सकती है.
7 नवंबर को पहले चरण में 20 सीटों पर वोटिंग होगी, जिसमें बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं. वहीं दूसरे चरण में बाकी 70 सीटों पर मतदान होगा. पहले चरण की 13 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं. इनमें बस्तर संभाग की जगदलपुर सीट के अलावा सभी 11 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. वहीं डोंगरगढ़ सीट अनुसूचित जाति और मोहला मानपुर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.
पहले चरण की पांच सीटों पर BJP ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने कहीं भी टिकट घोषित नहीं किया है. BJP में बस्तर से मनीराम कश्यप, कांकेर से आशाराम नेताम, मोहला मानपुर से संजीव साहा, खैरागढ़ से विक्रांत सिंह और खुज्जी से गीताघासी साहू प्रत्याशी हैं.
इस बार चुनाव पिछली बार से पहले हो रहे हैं. पिछली बार आचार संहिता 6 अक्टूबर 2018 को लगी थी, चुनाव 12 नवंबर और 20 नवंबर को हुए थे. 11 दिसंबर को रिजल्ट जारी हुआ था. शपथ ग्रहण 17 दिसंबर को हुआ था. पिछली बार आचार संहिता के बाद कुल 66 दिन लगे थे नई सरकार बनने में, इस बार 55 दिन लगेंगे.
नई दिल्ली में चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि, आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को तीन बार न्यूज पेपर में अपनी जानकारी देनी होगी. वहीं राजनीतिक दलों को भी बताना पड़ेगा कि ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था.
उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कुल 2.03 करोड़ मतदाता हैं. इनमें 1.01 करोड़ पुरुष वोटर्स तो 1.02 करोड़ महिला वोटर्स हैं, जबकि 18 से 22 साल की आयु के 18.68 लाख मतदाता हैं. आदिवासी इलाके में स्पेशल पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे.
आचार संहिता लागू होते ही अब सी विजिल ऐप के जरिए लोग चुनाव संबंधी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे. इस ऐप से चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी.
प्रदेश में विधानसभा की 90 सीटें हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज कर 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी, जबकि भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी.
भानुप्रतापपुर, मरवाही, चित्रकोट, दंतेवाड़ा और खैरागढ़ में पांच उपचुनाव हुए. इनमें से दो में पहले से कांग्रेस के विधायक थे चित्रकोट में दीपक बैज और भानुप्रतापपुर में मनोज मंडावी. मरवाही में अजीत जोगी और खैरागढ़ में देवव्रत सिंह जोगी कांग्रेस के विधायक थे. दोनों का निधन हो गया. इधर, दंतेवाड़ा में भाजपा के विधायक भीमा मंडावी का निधन हुआ.
इस तरह पांच उपचुनाव हुए, जिनमें 2 में पहले से कांग्रेस के विधायक थे और बाकी 3 में दूसरे दलों के विधायक थे. ये सभी चुनाव कांग्रेस ने जीते और अपनी सीट 68 से 71 कर ली. उपचुनाव के बाद भाजपा के पास 14 सीटें थीं. वैशाली नगर से विद्यारतन भसीन के निधन हो जाने के बाद ये सीट रिक्त है. दो सीटें बहुजन समाज पार्टी के पास हैं.
उपचुनावों में दंतेवाड़ा से देवती कर्मा, भानुप्रतापपुर से सावित्री मंडावी, खैरागढ़ से यशोदा वर्मा, मरवाही से केके ध्रुव और चित्रकोट से राजमन बेंजाम जीते.
प्रदेश में 18 से 19 की उम्र के 7 लाख 23 हजार 771 ऐसे मतदाता होंगे, जो पहली बार वोट करेंगे. ये कुल वोटर का 9.17 प्रतिशत है. 18 से 22 साल के फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्या 18 लाख 68 हजार 636 हैं.
विधानसभा चुनाव में 2 करोड़ 3 लाख 60 हजार 240 वोटर मिलकर नई सरकार चुनेंगे. संख्या बल में पुरुषों की तुलना में महिलाएं आगे बढ़ गई हैं. पुरुषों के 1003 वोटर हैं तो आनुपातिक तौर पर महिला वोटरों की संख्या 1012 महिला वोटर हैं.
भारतीय जनता पार्टी 21 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है, जबकि कांग्रेस में अभी भी मंथन का दौर चल रहा है. आज दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक है. भाजपा की एक संभावित सूची भी आ चुकी है, जिसके बाद पूरे प्रदेश में जगह जगह विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. पुराने चेहरों को रिपीट किए जाने और पैराशूट प्रत्याशी उतारे जाने का जमकर विरोध हो रहा है.