छत्तीसगढ़ में इस साल चुनाव होना हैं। इस लिहाज से विधानसभा चुनाव होने में केवल कुछ माह का वक़्त शेष रह गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक बार फिर प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। इस बार चुनाव को लेकर दोनों ही दलों के बीच जंग छिड़ी हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी जोरों-शोरों से शुरू कर दी हैं। 15 साल तक सत्ते पर रहकर हार का सामना करने वाली भाजपा अब फिर जोरों-शोरों से मेहनत पर जुट चुकी है। भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए अभी से जगह-जगह कार्यक्रम कर रही है और जनता को सम्बोधित कर रही है।
भाजपा जनता की नब्ज टटोलने और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अंदरूनी सर्वे करवा रही है। गांव-गांव जाकर जनता की परेशानियों के बारे में जानने की कोशिश कर रही है। इस बार भाजपा हार मानने नहीं वाली और इस साल के चुनाव के लिए जमकर मेहनत कर रही है। सूत्रों के मुताबिक बीते 1 से डेढ़ महीने से सभी जिलों में अंदरूनी तौर बाहर से आए सर्वेयर जनता के बीच पहुंच रहे हैं। इस बात की चर्चा पार्टी के अंदर जोरों पर है।
भाजपा के सभी प्रतिद्वंदी विधानसभा चुनाव के लिए जगह-जगह अपना कार्यक्रम पूरा कर जनता को सम्बोधित करने में लगी हुई है। इस दौर में छत्तीसगढ़ की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अजय चंद्राकर कई जगहों पर जनता को सम्बोधित करते नज़र आ रहे है |
अजय चंद्राकर के राजनीतिक सफर की कुछ खास झलकियां
· 1998 में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अजय चंद्राकर पहली बार विधायक बने।
· 1987 में, उन्होंने एक आंदोलन में भाग लिया था। जिसमें वे 7 दिन जेल में भी बिताए थे। उनकी इस 7-दिवसीय हिरासत को वे अपनी जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानते हैं।
· 2003 में, वे पहली बार कैबिनेट मंत्री बने। पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री के साथ-साथ संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार का हिस्सा रहे।
· 2004 में, उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा और जनशक्ति नियोजन के विभागों को भी सौंपा गया।
· 2007 में मंत्रिमंडलों में फेरबदल के कारण, वे उच्च शिक्षा मंत्री भी बने।
· 2008 में, विधानसभा चुनावों में उन्हें एक दुर्भाग्यपूर्ण हार का सामना करना पड़ा।
· हार के बाद पार्टी ने उनकी प्रतिभा, शिक्षा और योग्यता को देखते हुए राज्य वित्त आयोग का प्रमुख बनाया।
· अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद, उन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष और आधिकारिक प्रवक्ता होने की दोहरी जिम्मेदारियों के लिए भी चुना गया था।
· 2013 में फिर चुनाव लड़े और मंत्री बने। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री और स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग बनाए गए।
· 5 साल तक संसदीय कार्यमंत्री का भी कार्यभार मिला। कुछ समय के लिए छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री का अतिरिक्त प्रभार भी मिला था।
· 1998, 2003, 2013 और 2018 में विधानसभा सभा सदस्य चुने गए।
अजय चंद्राकर अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में एक ही दिन में तीन विश्वविद्यालयों के लिए नियमों और विनियमों का पारित किये जाने को गिनते है। उनके लिए एक और बड़ी उपलब्धि पंचायती राज अधिनियम का संशोधन था जिसने साक्षरता जैसे क्षेत्रों में एक पथ-परिवर्तन को लाया, जिससे उन्हें कानूनी समर्थन मिला। इसके साथ ही पंचायत राज अधिनियम की स्वीकृति के बाद महिलाओं ने पंचायत में 50% आरक्षण प्राप्त हुआ। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सफलता SIRD, NIT, ओपन स्कूल, बिजनेस एजुकेशन डिवीजन, क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र और अंबिकापुर में एक सैन्य स्कूल की स्थापना के साथ देखते है।
सर्वे के प्रमुख विषय
1- मुख्यमंत्री के तौर पर आप किसे पसंद करते हैं और क्यों?
2- पार्टी ने 2018 का चुनाव हारा, हार का कारण क्या मानते हैं?
3- मौजूदा सत्ताधारी दल (कांग्रेस) ने राज्य के विकास में क्या अहम फैसले लिए? क्या सत्ताधारी दल के काम से खुश हैं, अगर हैं तो क्यों?
4- क्या आप अपने क्षेत्र के पिछले चुनाव के उम्मीदवार को जानते थे, वे कितनी बार आपके क्षेत्र में आए? क्या काम किया? क्या उम्मीदवार बदलना चाहिए?