रायपुर- आचार संहिता खत्म होने के बाद एक बार फिर ईडी की टीम एक्टिव हो गई है. शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कस्टम मिलिंग घोटाला केस में मनोज अग्रवाल के डोंगरगढ़ और रायपुर स्थित ठिकानों पर रेड की. सूत्रों के मुताबिक राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ शहर में राइस मिलर्स एसोसिएशन के शहर अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के यहां प्रवर्तन निदेशालय की टीम दस्तावेजों को खंगालने के लिए पहुंची. मनोज अग्रवाल मां बमलेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं. सूत्रों के हवाले से जो जानकारी निकल कर आ रही है उसके मुताबिक 145 करोड़ के कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि के घोटाले से जुड़ा ये पूरा मामला हो सकता है. इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी, मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व नेता रोशन चंद्राकर पहले ही ईडी की गिरफ्त में आ चुके हैं.
मनोज अग्रवाल के ठिकानों पर ED की रेड: जानकार सूत्रों के मुताबिक कस्टम मीटिंग घोटाला की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापामार कार्रवाई की है. यह कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरु हुई. मनोज अग्रवाल के घर में दो से तीन गाड़ियों में परिवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची. घर से मिले दस्तावेजों जांच की गई. राजधानी रायपुर के खमारडीह स्थित बेनियान ट्री स्थित आवास में भी छापेमारी हुई है.
ईडी ने कई इनपुट्स के आधार पर की कार्रवाई: गौरतलब हो कि इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राजधानी रायपुर दुर्ग और खरोरा में रेड की कार्रवाई की थी. राजधानी रायपुर में दो जगह, दुर्ग में दो जगह पर और खरोरा में एक जगह पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमार कार्रवाई की. सूत्रों की मानें तो प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रमोद अग्रवाल के घर पर रेड के तौर पर की. राइस मिल एसोसिएशन के रायपुर स्थित कार्यालय और अध्यक्ष कैलाश रूंगटा के यहां भी प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची थी. इस छापेमार एक्शन को ईडी की टीम ने मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर से पूछताछ के दौरान मिले इनपुट के आधार पर अंजाम दिया.
ईडी की जांच में क्या खुलासा हुआ ?: ईडी ने राइस कस्टम मिलिंग स्कैम को लेकर जांच के बाद कई खुलासे किए है. प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच में यह पाया कि तत्कालीन जिला मार्केटिंग अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था. इस निर्देश में कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाएगा. जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है. इस तरह की जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए प्राप्त होने का भी खुलासा इस जांच में हुआ. रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को देते थे, उनका भुगतान कर बाकी मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी.