रायपुर- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’ के तहत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने निवास परिसर में लगाया दहीमन का पौधा प्रदेश में “एक पेड़ मां के नाम अभियान” से स्वस्फूर्त जुड़कर लोग लगा रहे है पेड़ मुख्यमंत्री ने की अभियान से जुड़कर अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील आम लोगों के साथ-साथ स्कूली बच्चों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने अभियान में किया गया है शामिल मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अधिकारियों को सीड बॉल का भी किया वितरण इस अवसर पर मंत्री श्री लखनलाल देवांगन भी रहे मौजूद सरगुजा अंचल में पाए जाने वाला दहीमन का पौधा औषधीय गुणों से है भरपूर कई बीमारियों के कारगर इलाज में उपयोगी है स्थानीय प्रजाति का यह पौधा.
दहीमन का पौधा, जिसे आमतौर पर “गिलोय” (Tinospora cordifolia) के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है। यह एक बहुवर्षीय लता है जिसे विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग किया जाता है। गिलोय को ‘अमृता’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ ‘अमरत्व प्रदान करने वाली’ होता है।
दहीमन (गिलोय) के फायदे:
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: गिलोय को प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले टॉनिक के रूप में जाना जाता है। यह शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
- ज्वर नाशक: यह बुखार को कम करने में सहायक है। इसे खासकर डेंगू, मलेरिया, और स्वाइन फ्लू के उपचार में उपयोग किया जाता है।
- पाचन में सुधार: गिलोय का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। यह कब्ज और पेट की समस्याओं को कम करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण: इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालते हैं और कोशिकाओं की क्षति को रोकते हैं।
- मधुमेह नियंत्रण: गिलोय रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
- तनाव और चिंता को कम करता है: इसके सेवन से मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है और यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
उपयोग के तरीके:
- गिलोय का रस: गिलोय के ताजे तने का रस निकालकर प्रतिदिन सुबह सेवन किया जा सकता है।
- गिलोय की गोलियां: बाजार में गिलोय की गोलियां भी उपलब्ध हैं, जिन्हें चिकित्सक की सलाह के अनुसार लिया जा सकता है।
- गिलोय का काढ़ा: गिलोय के तने को उबालकर इसका काढ़ा तैयार किया जा सकता है, जो ज्वर और संक्रमण में लाभकारी होता है।
सावधानियाँ:
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
- अत्यधिक मात्रा में सेवन से पेट की समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करें।
गिलोय एक बहुमूल्य औषधीय पौधा है जिसे उचित मात्रा और सही तरीके से उपयोग करके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।