इसके लिए अमृत मिशन के तहत 4 करोड़ खर्च करने का प्लान था। तीन साल पहले ठेकेदार काम छोड़कर गायब हो गया। इसके बाद से यह भी ठंडे बस्ते में हैं।
छत्तीसगढ़ के शिवनाथ नदी को गंदे पानी के प्रदूषण से बचाने (Saving Shivnath river) छह साल में तीन बड़े प्रोजेक्ट बनाए जा चुके हैं। 288 करोड़ के इन तीन प्रोजेक्ट में से वाटर ट्रीटमेंट और सफाई के अहम प्रोजेक्ट सालों से फाइलों में पड़े हैं। वहीं 4 करोड़ के पुलगांव नाला के डायवर्सन का प्लान ठेकेदार के गायब हो जाने के कारण तीन साल से अधूरा है। अब नए विधायक के निर्देश पर तीसरे प्रोजेक्ट की तैयारी की जा रही है।
शिवनाथ नदी दुर्ग-भिलाई की जीवनदायिनी है। इसके पानी से जिले 4 नगरीय निकाय सहित करीब 100 गांवों की प्यास बुझती है। दूसरी ओर प्रशासनिक अनदेखी के कारण यह लगातार प्रदूषण का मार झेल रही है। अकेले दुर्ग-भिलाई के 20 किलोमीटर के दायरे में 3 बड़े गंदे नालों का पानी नदी में मिल रहा है। नालों के पानी के साथ से घरों से निकलने वाले सीवरेज की गंदगी भी नदी में पहुंच रहा है। इससे नदी का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है।
288 करोड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट फाइलों में
गंदे नालों के कारण शिवनाथ पर प्रदूषण (Water Pollution in Rivers) रोकने नगर निगम द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने दो प्लान तैयार किया जा चुका है। एक में नालों को आपस में जोड़कर शंकर नाला में 134 करोड़ 84 लाख से वाटर ट्रीटमेंट व दूसरे डि-सेंट्रलाइज प्लान में शंकर नाला में 102 करोड़, सिकोला में 18 करोड़ 53 लाख और कसारीडीह में 30 करोड़ 11 लाख से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। यह प्लान फाइलों से आगे नहीं बढ़ी।
पुलगांव नाला का डायवर्सन रुका
पुलगांव नाला का गंदा पानी महमरा एनिकट पर दुर्ग व भिलाई नगर निगम के इंटकवेल के ठीक सामने मिलता है। इससे गंदा पानी सीधे इंटक वेल में पहुंचता है। नाले को इंटकवेल से पहले डायवर्ट कर एनिकट के डाउन स्ट्रीम में छोड़ने के लिए अंडर ग्राउंड स्ट्रक्चर तैयार करना है। इसके लिए अमृत मिशन के तहत 4 करोड़ खर्च करने का प्लान था। तीन साल पहले ठेकेदार काम छोड़कर गायब हो गया। इसके बाद से यह भी ठंडे बस्ते में हैं।
घोषणा से आगे नहीं बढ़ पा रही योजना
सांसद विजय बघेल ने पिछली बार चुनाव जीतने के तत्काल बाद शिवनाथ का निरीक्षण किया था। इसके बाद उन्होंने शिवनाथ को प्रदूषण मुक्त करने अफसरों से निर्मल शिवनाथ परियोजना तैयार कराई थी। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से 150 करोड़ की मांग की थी। इसके अलावा उन्होंने ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जगह की तलाश भी कराई थी। इसके लिए पुलगांव में भारती कॉलेज के समीप व करहीडीह में जगह की चिन्हित की गई, लेकिन इसके बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।
निगम ने शुरू की बारिश की तैयारी
नगर निगम ने बारिश की तैयारी शुरू कर दी है। बारिश में निकासी की समस्या के चलते कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनती है। इसे देखते हुए निगम प्रशासन ने अभी से सभी प्रमुख नालों व नालियों की सफाई (Chhatisgarh River Cleaning Project) शुरू करा दी है। निगम प्रशासन द्वारा हर साल बारिश से पहले विशेष अभियान चलाकर नालों की सफाई कराई जाती है। इसी के तहत इस बार भी बैक-हो-लोडर मशीन के साथ विशेष गैंग लगाकर सफाई शुरू करा दिया गया है।
निगम प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक सफाई का कार्य जोन स्तर पर शुरू किया गया है। इसके तहत फिलहाल शंकर नाला में सफाई का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान नाले की तल से सफाई के लिए मशीन के माध्यम से मलमा निकाला जा रहा है। निगम प्रशासन के मुताबिक सफाई बड़े नालों और पानी निकासी में उपयोगी नालियों की सफाई तक यह अभियान जारी रहेगा। जिम्मेदार अफसरों द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है।
अब पुलगांव नाला डायवर्सन का नया प्लान
इधर पुलगांव नाला डायवर्सन के अधूरे काम को पूरा कराने के बजाए अब उसी तर्ज पर नए सिरे से प्लान बनाकर पुलगांव नाला के पानी को शिवनाथ एनीकट के डाउन स्ट्रीम पर छोडऩे का काम शुरू कराने की तैयारी की जा रही है। यह प्रोजेक्ट विधायक गजेंद्र यादव के निर्देश के बाद तैयार कराया जा रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा इसके लिए करीब 20 करोड़ का प्लान तैयार कराया जा रहा है।